“बजट - 2017”
नमस्ते भाईयो बहनो,
जैसा की आप सभी जानते है हमारे प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदीजीने जबसे
यानी मई 2014 से देश की बागडौर संभालनी शुरु की है तबसे वे अपने हर काम को हटकर
करनेकी कोशीश करते आए हैं अनगीनत योजनए
लाना कुछ नयी कुछ पुरानी किंतु हर विषय में कुछ हटकर
कभी गंभीर होकर तो कभी नहीं स्नेह भावना से ऊन्होने समाज के हर तबके तक पहुंचने की
कोशिश की है फिर वह जन धन हो स्वच्छ भारत हो या फिर डीमोनेटाइजेशन.
हर निर्णय
में समाज के हर तबके तक पहुंचने की कोशिश की है उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं
देखा जो भी निर्णय लिया उस का डटकर सामना किया उसे सफलता की ओर बढ़ाया और जैसे कि
आप जानते हैं उनके अधिकतर फैसले सही रहे भले उनकी कितनी भी आलोचना हो दोस्तों आप
जानते होंगे कई सालों बाद इस साल कोई रेल बजट पेश नहीं हुआ और अब आम बजट पेश होने
जा रहा है वह भी उनके अलग अंदाज में फरवरी 2017 को.
उनका हर
फैसला गंभीरतापूर्वक होता है हर विषय में उनका अभ्यास गहन होता है दोस्तों योजनाएं
लाना उन्हें सभी सभाग्रहो में पेश करना उनको मंजूर कराना जितना उनके लिए हमें सरल
है लगता है उतना सरल नहीं है किंतु उन सभी योजनाओं का इंप्लीमेंटेशन करना वह योजना
समाज के हर तबके तक पहुंचे उस पर ध्यान रखना हजारगुना कठिन है .
समाज का हर
तबका आस लगाए बैठा है क्या होगा बजट, किसके हाथ क्या लगेगा, कौन से राज्य को क्या
मिलेगा, समाजके किस तबके को क्या मिलेगा गरीबों का क्या होगा अमीरों का क्या होगा
किंतु विशेषज्ञों का मानना है बजट के जरिए प्रधानमंत्री जी समाज के हर तबके के तक
पहुंचने की कोशिश जरुर करेंगे.
गिले शिकवे
तो होते रहेंगे किंतु हर किसी को कुछ न कुछ राहत जरूर मिलेगी.
दोस्तों
आइए जाते जाते देखते हैं बजट के बारे में कुछ सुनी अनसुनी मजेदार बातें
v बजट शब्द की उत्पत्ति फ्रेंच शब्द 'बॉजेट' (bougette) से
हुई है, जिसका मतलब होता है, चमड़े का
बैग।
v बजट के जरिए सरकार अगले साल के आय-व्यय का ब्योरा पेश करती है, जिससें सभी स्त्रोतों से प्राप्त राजस्व और
सरकारी खर्चों को एक साथ रखा जाता है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार आम बजट तैयार करने में वित्त मंत्रालय, योजना
आयोग, प्रशासनिक मंत्रालय और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक
की मुख्य भूमिका होती है।
v भारत में पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को पेश किया गया था। उस समय भारत पर
अंग्रेजों का राज था। इंडियन काउंसिल के फाइनैंशल मेंबर जेम्स विल्सन ने भारतीय
वायसराय को सलाह दी थी कि बजट को अंग्रेजी ढांचे के आधार पर पेश किया जाए। दिलचस्प
बात यह है कि जेम्स विल्सन ने ही प्रसिद्ध आर्थिक पत्रिका द इकॉनमिस्ट और
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की स्थापना की थी।
v स्वतंत्र भारत में पहली बार तत्कालीन वित्त मंत्री आर.के.
शणमुगम चेट्टी ने नवंबर 26 नवंबर
1947 में पेश किया था। इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था की समीक्षा
की गई थी और कोई नया टैक्स नहीं लगाया गया था। यह बजट मात्र साढ़े सात महीने के
लिए पेश किया गया था।
v पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधीजी ने प्रधानमंत्री के साथ वित्त मंत्री रहते
हुए भी बजट पेश किए थे। पंडित जवाहर लाल नेहरूजी ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने बजट पेश किया।
v भारतीय इतिहास में सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रेकॉर्ड वित्त
मंत्री मोरारजी देसाईजी के नाम है। मोरारजी देसाईजी ने वित्तमंत्री रहते हुए 10 बार बजट पेश किया था।
v मोरारजी देसाईजी के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरमजी का
नाम आता है। चिदंबरमजी ने नौ बार बजट पेश किया।
v बजट के पूरे दस्तावेज खास अधिकारी और आशुलिपिक के द्वारा छापे
जाते हैं। उन्हें बिना इंटरनेट वाले कंप्यूटर पर काम करना होता है। कम से कम 100 अधिकारी कर्मचारी दो से तीन सप्ताह के लिए
नॉर्थ ब्लॉक में ही रहते हैं। बजट बनाने के दौरान वे बाकी दुनिया से कट जाते हैं।
उन्हें उनके परिवार से भी बात करने की इजाजत नहीं होती। अधिकारियों के पास केवल एक
फोन होता है जिसपर वे सिर्फ काल रिसीव कर सकते हैं।.....
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