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Sunday, February 12, 2017

HOW TO USE BHIM APP (IN HINDI)

BHIM देश का आपना अँप....
          


          दोस्तो कैशलेस का जमाना आ गया है ईस डिमोनेटायझेशन नोटबंदी के बिच सबसे जादा कारगर एवं प्रभावी माध्यमके रुप मे उभरकर सामने आये वह है मनी ट्रांसफरसे रिलेटेड पेटीयम, फ्रिचार्ज, ओक्सीजन वालेट जैसे शेकडों अँप्स  जो स्मार्ट फोनके माध्यमसे घरघर पहुंचे नुक्कट नुक्कट पर ठेले वाले, चाय वाले, पानीपुरी वाले सब्जी वाले हर तीसरा ईन अँप्स के जरीए नोटबंदी कि मार को कम करने लगा और कुछ हदतक फायदेमें भी रहे ईस दौरान ईन छोटे छोटे कारोबारीयोंको बहुत जादा हानी पहुनच सकती थी किंतु ईन अँप्स के सहारे यह कोरोबार जिंदा रह पाए.  किंतु सभी शेकडों अँप्समेसे सबसे जादा सबसे तेज और सरल कोई है तो वह है नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ईंडीया द्वारा बनाया देश का आपना अँप BHIM जो की संपुर्ण स्वदेशी एव भारत सरकार द्वारा प्रमाणित होनेसे सबसे जादा भरोसे मंद भी है. पैसोंके लेनदेन के मामलेमे भरोसा सबसे बडी बात होती है जिसके बलबुतेपर अबतक ईसके 1 करोड से अधीक डाऊनलोड्स होचुके है. आईये दोस्तो हमभी कोशीश करते है जाननेकी के BHIM भीम का ईस्तेमाल कैसे करें  VIDEO के माध्यमसे हिंदी एवं मराठी भाषा मे.


धन्यवाद!..
जय हिंद!!...
भारत माता कि जय!!...


BHIM का ईस्तेमाल कैसे करें  VIDEO के माध्यमसे हिंदी
VIDEO ON HOW TO USE BHIM (in Hindi)



BHIM का ईस्तेमाल कैसे करें  VIDEO के माध्यमसे मराठी 
VIDEO ON HOW TO USE BHIM (in Marathi)

Saturday, February 11, 2017

HOW TO USE PAYTM (IN HINDI)

paytmkaro! पर कैसे ?



दोस्तो कैशलेस का जमाना आ गया है और ईस डिमोनेटायझेशन नोटबंदी के बिच सबसे जादा कारगर एवं प्रभावी माध्यमके रुप मे उभरकर सामने आयी वह है PAYTM जो स्मार्ट फोनमे अँप के माध्यमसे घरघर पहुंची नुक्कट नुक्कट पर ठेले वाले, चाय वाले, पानीपुरी वाले सब्जी वाले हर तीसरा ईस अँप के जरीए नोटबंदी कि मार को कम करने लगा और कुछ हदतक फायदेमेंभी रहा ईस दौरान ईन छोटे छोटे कारोबारीयोंको बहुत जादा हानी पहुनच सकती थी और कठीनाई तो सभीको हुई सिर्फ जिसने जिसने प्रयास किया वे बाल बाल बच गये.  


तो आईये दोस्तो हमभी कोशीश करते है जाननेकी के PAYTM का ईस्तेमाल कैसे करें  VIDEO के माध्यमसे हिंदी एवं मराठी भाषा मे

VIDEO के माध्यमसे हिंदी मे


VIDEO के माध्यमसे मराठी भाषा मे

दोस्तो अंत भला तो सब भला यही सोचकर हमें बदलाव का स्वीकार करना चाहीए 
धन्यवाद!..
जय हिंद!..
भारत माता की जय!..

Friday, February 10, 2017

घरमेंहि बनाए गरमा गरम चिकन लॉलीपॉप
दोस्तो आज मै आपके लीए घर बैठे गरमा गरम चिकन लॉलीपॉप बनानेकी एकदम आसान रेसीपि लाया हुं.। इसको बनाने के लिये आपको कोई ताम-झाम नहीं करना पडे़गा। यह बहुत ही आसान भी है और इसमें लगने वाली सारी सामग्रियां आराम से घर में ही उपलब्‍ध हो सकती हैं। तो देर किस बात की आइये शुरु करते हैं नुक्कजड पर या चायनीज स्टोल पर मिलने वाला चिकन लॉलीपॉप बनाना और हंगर को करते है छुमंतर. तो पेश है गरमा गरम चिकन लॉलीपॉप ।
सामग्री-
चिकन- 12 पीस
प्‍याज पेस्‍ट - 4 चम्‍मच
लहसुन पेस्‍ट - 1 चम्‍मच
अदरक पेस्‍ट - 1 चम्‍मच
मिर्च पाउडर- 1 चम्‍मच
नमक- स्‍वादअनुसार
सेजवान चटनी - 2 चम्‍मच
पत्ता गोबी – कटा हुआ गार्नीशींग के लीए
घोल / पेस्‍ट बनाने के लिये सामग्री-
कार्नफ्लेार- 3 चम्‍मच
मैदा- 2 चम्‍मच
बेकिंग सोडा- थोडासा
तेल- 3/4 बडे चम्‍मच डिप फ्राई करने के लिए
नमक- स्‍वादअनुसार
विधि / तरीका :
1.     सबसे पहले चिकन लौलीपॉप पर नमक और मिर्च लगाए।  
2.     एक कटोरे में प्‍याज, अदरक, लहसुन पेस्‍ट डाल कर मिक्‍स करें।
3.     अब इसमें नमक और मिर्च पाउडर डाल कर चलाएं।
4.     इस मिश्रण को चिकन पर लगाएं और 15 मिनट तक उसे रख दें।
5.     एक दूसरे कटोरे में कार्नफ्लोर, मैदा, बेकिंग सोडा, नमक और पानी डालें।
6.     इस मिश्रण को मिडीयम गाढा पेस्‍ट जैसा बना लें।
7.     अब इस मिश्रण से चिकन पीस को मैरीनेट कर के 5 मिनट के लिये साईडमे रखें।
8.     अब कढाई में तेल तेज आंच पर गरम करें तेल पुरी तरह गरम करें
9.     उसमें चिकन पीस डालें और अच्‍छे से डिप फ्राई करें।
10.     जब चिनक गोल्‍डन ब्राउन हो जाए तब उसे निकाल कर छननी मे कखे
11.    पुरी तरह तेल गीरने के बाद डिश मे रखें और गरमा गरम ही सर्व करें।
12.      गार्नीशींग के लिए कटा हुआ पत्ता गोबी का ईस्तेमाल करे ।
13.      सेजवान चटनी के साथ गरमा गरम चिकन लॉलीपॉप हमे स्वर्ग की अनुभुती कराता है.
टिप्स: गहरा लाल रंग पानेके लीए बाजारमें मिलने वाले फुड कलर का ईस्तेमाल कर सकते है।

फ्रेंड्स, मेरी राय से बाहर का खाना हायजीनीक हो ना हो पर घरमे तो हम हायजीन का पुरा खयाल रख सकते है तो फ्रेंड्स हो सके खाना घरमेही बनानेकी कोशीश करते रहें. हायजीनीक खाए, हेल्दी खाए, हेल्दी रहें.
 फिर मीलेंगे एक और मुह मे पानी लाने वाले डिश के साथ.
 धन्यवाद!...
 जय हिंद!...
 भारत माता की जय!...


Thursday, February 9, 2017

घरमेंहि बनाए यमी यमी चिकन मनचाऊ सुप!...

डियर फ्रेंड्स
हर ईंसानमे एक सिंगर एक डान्सर कलाकार और न जाने कितने सारे गुण छिपे हुए होते है. ऊसी तरह मुझमे एक कुक बसता है दोस्तो जब भी मौका मीला मै कुकींगके जोहर दिखाना शुरु कर देता हुं. तो मै ईस ब्लागर के जरीए अपने ईस कुकींग के शौक को आप तक पहुंने जा रहा हुं. और जैसे हि समय बनेगा आपके लीए ढेर सारी रेसीपिज लाता रहुंगा.

तो दोस्तो आज मै आपके लीए घर बैठे यमी यमी चिकन सुप बनानेकी एकदम आसान रेसीपि लाया हुं. जो कुछहि मीनटो मे बनता है और घरमे छोटा बडा कोई भी आरामसे बना सकता है और अपने हंगर को छुमंतर कर सकता है तो पेश है यमी यमी चिकन मनचाऊ सुप

सामग्री:
चिकन - 1/2 कप (उबला हुआ और कटा हुआ)
गाजर - 1/2 कप (कटा हुआ)
फ्रेंच बीन्स - 1/2 कप (कटा हुआ)
शिमला मिर्च - 1/4 कप (कटा हुआ)
हरी मटर - 1/4 कप (कटा हुआ)
मशरूम - 1/4 कप (कटा हुआ)
हरी प्याज - 1/2 कप (कटा हुआ)
गोभी - 1/2 कप (कटा हुआ)
अजवाइन - 1 छोटा चम्मच
अजीनोमोटो - 1/4 छोटा चम्मच
अदरक - 1 छोटा चम्मच  (बारीक कटा हुआ)
लहसुन - 1 छोटा चम्मच  (बारीक कटा हुआ)
हरी मिर्च - 1 छोटा चम्मच (बारीक कटा हुआ)
सोया सॉस - 2 छोटा चम्मच।
काली मिर्च पाउडर - 1 छोटा चम्मच।
मकई स्टार्च - 3 छोटा चम्मच।
नमक स्वाद अनुसार
(सब्जियों मे बेबी कॉर्न्स भी मिला सकते हैं)
तरीका :
1. तेल गरम करें। मिर्च, अजवाइन, लहसुन और अदरक तेज आंच पर 2 मिनट के लिए तले।
2. ऊसमे कटी हुई सब्जीयां मिलाए और तेज आंच पर फिरसे 2 मिनट के लिए सभी सब्जियां एवं मसालोंको अच्छी तरहसे भूनें।
3. ऊसमे उबला और कटा हुआ चिकन, पानी (आवश्यकता नुसार), सोया सॉस, मिर्च पाउडर, अजीनोमोटो, और नमक मिलाए और ऊबालते रहें।
4. फिर आंच कम करे और मकई स्टार्च का पेस्ट मिलाए। जब तक सूप एकसा गाढ़ा ना हो जाए तबतक धिमी आंच पर रखें।
5. पांच मिनट बाद आंच से निकालें और (तली) फ्राईड नुडल्स के साथ बाऊल मे परोसे। गार्नीशींगके लिए हरी प्याज उपयोग कर सकते है।

 टिप्स : यदि आप सूप में अंडा मिलाना चाहते है तो मकई स्टार्च का पेस्ट मिलाने से पहले अंडा अच्छी तरह से फेटकर मिलाए एवं ऊसे उबलने दे। यह भी अच्छा स्वाद देता है।
चिकन मनचाऊ सुप

फ्रेंड्स बाहर का खाना हायजीनीक हो ना हो पर घरमे तो हम हायजीन का पुरा खयाल रख सकते है तो फ्रेंड्स खाना घरमेही बनानेकी कोशीश करते रहें.
फिर मीलेंगे एक आसान और  यमी यमी डिश के साथ
धन्यवाद!...

Wednesday, February 8, 2017

TAX SAVING!!...

टैक्स सेव्हिंग” TAX SAVING”


नमस्कार भाइयों बहनों, जैसे ही फरवरी खत्म होकर मार्च नजदीक आने लगता है, हर किसी को टैक्स की चिंता सताने लगती है, हम दिन रात मेहनत करके एक एक रुपए जमा करते हैं ओव्हरटाइम, वर्कलोड एवम टारगेट के पीछे माता फोड़ी करते हैं लेकीन किसी दिन टैक्स के रुप में सरकार हमारे मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर लेती है. कभी कबार लगता है यह कैसी जबरदस्ती है? दिन रात मेहनत हम करें ओव्हरटाइम हम करें, ट्रेन बसों के धक्के हम खाए, बोस की झिकझिक हम सुनें और सरकार हमारी खून पसीने की कमाई का बडासा हिस्सा हमसे छीन के ले जाती है. करें तो क्या करें? क्या इसका कोई हल नहीं है? कैसे बचाए हम अपने खून पसीने की कमाई को इनकम टैक्स की नजर से दोस्तों इसका हल भी है और आप अपने खून पसीने की कमाई के बदले अच्छा सा रिटर्न्स भी पा सकते हैं और अपना भविष्य सुखदाई बना सकते हैं यही नहीं बल्कि आपकी बचाई हुई रकम आपके बुढ़ापे की लाठी बन सकती है आज मैं आपके लिए लाया हूं टैक्स सेविंग के 10 बेहतरीन तरीके जिसे फॉलो करने से हमारे कमाए हुए रकम पर बहुत कम बल्कि ना के बराबर टैक्स लगे. 
आइए देखते हैं क्या है वह तरीके.



पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) सेक्शन 80C के तहत इस में 1.5 लाख तक की राशि पर आयटी रिबेट मिलता है, इसमें सालाना इन्वेस्टमेंट मिनिमम 500 रु और अधिकतम 1.5 लाख तक कर सकते हैं. इसका विड्रावल 6 साल के बाद से हो सकता है. यह उन व्यक्तियों के लिए सूटेबल है जो रकम को इकट्ठा करना चाहते हो और रिटायरमेंट में उसका इस्तेमाल करना चाहते हो. इसमें एन आर आई व्यक्ति इलीजिबल नहीं है इस फंड से टैक्स सेविंग और इन्वेस्टमेंट दोनों एक साथ होते हैं.


इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) यह एक म्यूचल फंड है. जो बाकी फंडस के मुकाबले सबसे ज्यादा रिटर्न्स देता है जिसका लॉक इन पीरियड सिर्फ 3 साल है जो कि सबसे लोवेस्ट है, इस में इन्वेस्टर डिविडेंड के जरिए लॉक इन पीरियड में भी रेगुलर इनकम पा सकते हैं इसमें sip  के तहत मंथली इन्वेस्ट करके मार्केट के चढ उतार एवं लम सम पैसे इनवेस्ट करने का बोझ कम हो सकता है पीपीएफ की तरह यह भी टैक्स सेविंग और इन्वेस्टमेंट दोनों का काम करता है. किंतु सबसे ज्यादा रिटर्न्स देता है.


फिक्स डिपाजिट (BANK FD) यह सेक्शन 80C के तहत सबसे पुराना और बेहतरीन टैक्स सेविंग तरीका है, इसमें 5.5 से 7.5 परसेंट तक सालाना ब्याज मिलता है. इसका लॉक इन पीरियड 5 साल का होता है, हर बैंक का अपना अपना ब्याज दर होता है, इसमें सबसे ज्यादा 7.5 तक का सालाना रिटर्न्स मिलता है.


सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) यह सीनियर सिटीजन के लिए है और इसके प्रिंसिपल अमाउंट को सरकार गारंटी देती है इसमें सालाना 8:50 पर्सेंट ब्याज मिलता है, इसमें मैक्सिमम 15 लाख जमा कर सकते हैं और रिटर्न्स पर टैक्स लागू है यह इन्वेस्टमेंट और टैक्स सेविंग दोनों का काम करता है.


राजीव गांधी इक्विटी सेविंग स्कीम (RGESS ) इसके तहत सालाना 12L आय वाले व्यक्ति को टैक्स बेनिफिट मिलता है, इसमें ज्यादा से ज्यादा 50  हजार इन्वेस्ट का प्रावधान है जो BSC100 या RGESS म्यूचल फंड द्वारा करना होता है, इस में इनवेस्ट की हुई फिफ्टी परसेंट रकम को 80Cके तहत बेनिफिट मिलता है, इसके रिटर्न्स मार्केट रिस्क पर आधारित होते हैं, यानी रिटर्न्स फिक्स नहीं होते हैं.


वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF)  इसमें employee / कर्मचारी को वोलंटरीली इन्वेस्टमेंट करना होता है यह  EPF से अलग है और इसमें कंपनी का कोई योगदान नहीं होता है इस में EPF  की तरह रिटर्न्स मिलता है इसकी मैच्योरिटी रकम टेक्स फ्री होती है, किंतु विद्रावन केवल रिटायरमेंट पर ही होता है यह इन्वेस्टमेंट और टैक्स सेविंग दोनों का काम करता है.


न्यू पेंशन स्कीम (NPS)  यह सेक्शन 80C के तहत एक टॉप सेविंग ऑप्शन है इसके फंड मैनेजमेंट चार्जिस बहुत कम यानी 0.0009 परसेंट है, यह लो कॉस्ट टैक्स सेविंग ऑप्शन है इसमें 500 से लेकर 6000 तक सालाना इनवेस्ट कर सकते हैं ईसमे मैक्सिमम लिमिट नहीं है, इस में इन्वेस्टर को इक्विटी बांड और गिफ्ट का च्वाईस होता है, जिसके मैच्योरिटी पर टैक्स लागू है इसे खरीदने से पहले इसका अभ्यास होना जरूरी है.


नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC)  यह सरकार द्वारा प्रमाणित है एवं पोस्ट ऑफिस द्वारा जारी किया जाता है, इस में कम से कम 500 और 1000, 5000, 10000 के मल्टीप्लीकेशन में रकम जमा कर सकते हैं यह 5 से 10 साल के लिए उपलब्ध है, इसमें 5 साल के लिए 8:00% तो 10 साल के लिए 8: 8 % सालाना रिटर्न मिलता है इसमें इंटरेस्ट पर टैक्स लागू है किंतु हम 1.5 लाख तक के इंटरेस्ट को 80C के तहत क्लेम कर सकते हैं कोई भी भारतीय नागरिक इसमें पैसे जमा कर सकता है.


यूनिट लिंक्ड इन्वेस्टमेंट प्लान (ULIP) यह एक जाना माना टैक्स सेविंग एवं इन्वेस्टमेंट का तरीका है, 2010 मे IRDA के निर्देशो के बाद इसके मैनेजमेंट चार्जिस कम किए गए हैं, यह इस रिस्क कवर देता है, नए यूलिप प्लान के चार्जेस बहुत कम है, 10 साल के प्लान पर अच्छे रिटर्न्स मिलते हैं इसमें किया गया इन्वेस्टमेंट मार्केट रिस्क पर आधारित होता है यानी इसके रिटर्न्स फिक्स नहीं होते हैं.


बीमा (INSURANCE ) : यह सबसे अधिक कारगर एवं फायदेमंद इन्वेस्टमेंट का तरीका है, देश में 24 इंश्योरेंस कंपनियां काम करती है, जिसमें 23 निजी कंपनियां है, और एक सरकारी- भारतीय आयुर्विमा महामंडल यानी LIC है, LIC में जमा रकम को भारत सरकार की गारंटी है LIC का जीवन आनंद सबसे बेहतर प्रोडक्ट है, आप के जरूरत के हिसाब से LIC में एंडोमेंट एवं पेंशन तथा चाइल्ड प्लान अवेलेबल है LIC का देश के निर्माण में अनमोल योगदान है, यह सबसे ज्यादा रिलायबल ऑप्शन है, इसमें 10,15 या 20  साल के प्लान पर बेहतर रिटर्न मिलते हैं इसका मार्केट रिस्क से कोई लेना देना नहीं है एग्रीमेंट के वक्त पर किया गया रिटर्न अमाउंट आपको हर हाल में मिलता ही है.

दोस्तों ऊपर सुझाए गए हर एक विकल्प के बारेमे अलगसे बडे बडे लेखकों द्वारा लिखी बडी बडी किताबें एवं ग्रंथ बाजार मे ऊपलब्ध है. मैने यहा ऊन्हे कम से कम शब्दोंमे रखा है. ऊपर दिए गए सभी विकल्पोंमेसे मार्केट की जोखिम को जांच-परखकर एवं अपनी जरूरत को समझकर उचित विकल्प को चुना जा सकता है, और अपने खून पसीने की कमाई को इनकम टैक्स से बचाया जा सकता हैं, इनवेस्ट करते वक्त इनवेस्टमेंट की मात्रा पर्याप्त हो इसका ध्यान रखना जरूरी है, टैक्स बचाने के चक्कर में हमें बहुत ज्यादा जोखिम उठानी नहीं चाहिए तथा हमारी जरूरतोंको हमें उचित क्रम देना जरुरी है सही क्रमके अनुसार रकम इन्वेस्ट करना बेहतर माना जाता है.  किसी के बहकावे में आकर गलत प्लान सिलेक्ट करना हमारे फाइनेंसियल प्लानिंग को तहस-नहस कर सकता है एवं हमें भविष्य में पछताना पड सकता है, इनवेस्ट करते वक्त मार्केट की जोखिम एवं अपनी जरुरतों के हिसाब से सही प्रोडक्ट सही मात्रामे सिलेक्ट करना जरूरी है जिससे हमें भविष्य में पछताना न पड़े. सभी पर्यायोंको पूरी तरह छानबीन करने के बाद एवं ऑफर के डॉक्यूमेंट ठीक तरह से पढ़ने के बाद खरीदनेमे समजदारी है!.. 
टिपण्णी: ऊपरोक्त जानकारी ऊपलब्ध स्त्रोतोंसे संकलन करके प्रस्तुत की हे.
धन्यवाद!..
जय हिंद!!...
भारत माता कि जय!!...




My Video on GST in Hindi


My Video on GST in Marathi


Video on CIBIL in Hindi


Video on BUDGET in Hindi


Video on how to use BHIM in Hindi

Video on how to use BHIM in Marathi

Video on how to use PAYTM in Marathi


Video on how to use PAYTM in Hindi


Monday, February 6, 2017

WHAT IS CIBIL (IN HINDI)

"सिबिल"

नमस्कार भाइयों बहनों, आज का विषय थोड़ा जटिल है किंतु इस बारे में हर किसी को जानकारी होना जरूरी बन गया है दोस्तों कई बार हम लोन के लिए आवेदन करते हैं किंतु वह रिजेक्ट हो जाता है आप जानतेही होंगे हमारे लोन का आवेदन रिजेक्ट होने के पीछे कई सारे रीजन होते हैं उनमें से एक है हमारा सिबिल स्कोर हमने कई बार यह शब्द सुना होगा सिविल स्कोर,  सिविल स्कोर क्या होता है इस को कौन मैनेज करता है तो दोस्तों आइए देखते हैं क्या है सिविल और लोन के मामलों में वह अपनी भूमिका कैसे निभाता है

क्या है सिबिल.
दोस्तों, ट्रांस यूनियन सिविल लिमिटेड नाम की भारत की पहली लोन इंफॉर्मेशन कंपनी / संस्था  है जिसे क्रेडिट ब्यूरो भी कहा जाता है जिसे आरबिआय ने प्रमाऩित किया है. यह संस्था हम व्यक्तियों / ईंडीविजअल और कंपनी / संस्थाओं के लोन और क्रेडिट कार्ड से संबंधित भुगतान का रिकॉर्ड्स रखती हैं यह रिकॉर्ड बैंकों और अन्य लेंडर द्वारा मासिक आधार पर जमा किए जाते हैं इस जानकारी का उपयोग करके क्रेडिट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट एवम  क्रेडिट स्कोर को विकसित किया जाता है जिसकी बदौलत बैंक लोन आवेदनों का मूल्यांकन और स्वीकृति करती है

सिबिल स्कोर लोन मंजुरी मे कैसे काम करता है?
दोस्तों, सिविल स्कोर लोन के आवेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है हमारे आवेदन भरने और उसे बैंक को सौंपने के बाद बैंक पहले हमारा क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करता है यदि क्रेडिट स्कोर कम है तो बैंक शायद आगे हमारे आवेदन पर विचार भी नहीं करती और उसी क्षण उसे रदद कर देती है, यदि क्रिकेट स्कोर अधिक है तो हमारे आवेदन पर विचार करती है तथा वह बाकी विकल्पोंका विचार करती है के आवेदन लोन के योग्य है या नहीं, क्रेडिट स्कोर हमारे लिए पहले फर्स्ट ईंप्रेशन का काम करता है स्कोर जितना अधिक होगा लोन मिलनेकी संभावना उतनी बेहतर होती है. कंतु लोन देना केवल पुरी तरहसे बैंकों पर निर्भर होता है और उस पर सिविल का कोई लेना देना नहीं होता.




आपके स्कोर पर कौनसी बाते प्रभावित करती हैं
दोस्तों, कुछ बाते आपके स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है. जैसे
1.  पेमेंट हिस्ट्री.
विलंब से भुगतान करना या आपकी ईएमआई में बाऊंस होना या बकाया रहना (हाल में या लगातार) दिखाता है कि अपनी मौजूदा लोन को अदा करने में आपको परेशानी हो रही है और यह आपके स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है.
2.  क्रेडिट लिमीट का अधिक उपयोग: अपने क्रेडिट कार्ड पर बढ़ा हुआ खर्च ज़रूरी नहीं है कि आपके स्कोर को निगेटीव रूप से प्रभावित करेगा, वहीं दूसरी ओर आपके क्रेडिट कार्ड के अवेलेबल बैलेंस में बढ़ोतरी होना चुकता करने के बढ़े हुए भार का संकेत करता है और आपके स्कोर को निगेटीव रूप से प्रभावित कर सकता है.
3.  लोन्स का संतुलन ना रखना:  सिक्योर लोन्स (जैसे ऑटो, होम लोन, और अनसिक्योर लोन्स (जैसे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड, ) के बीच संतुलन ना रखने से आपके स्कोर पर अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
4.  हाल ही में कई नए खाते खोलना: यदि आपको हाल ही में अलग अलग लोन्स और क्रेडिटस कार्डस मिले है तो बैंक आपके आवेदन को सावधानी से देखेंगे क्योंकि यह आचरण संकेत करता है कि आपके लोन्स का भार बढ़ चुका है, जो आपके स्कोर को नकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा.




आप अपने क्रेडिट स्कोर को कैसे सुधार सकते हैं.
दोस्तों, आप अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री बनाकर क्रेडिट स्कोर को सुधार सकते हैं. जिसे बैंको द्वारा सकारात्मक रूप से देखा जा सकता है और इसे 6 सरल नियमों के साथ किया जा सकता है :
1.  हमेशा अपनी देय राशि / ईएमआय समय पर अदा करते रहें. विलंबित भुगतानों को बैंको द्वारा नकारात्मक रूप से देखा जाता है.
2.  अपने बैलेंस हमेशा कम रखें. अत्यधिक लोन का उपयोग करना हमेशा उचित नहीं होता, अपने इस उपयोग को नियंत्रित रखें ऊसे बैंको द्वारा नकारात्मक रूप से देखा जाता है. 
3.  लोन का ठिकठाक मेल रखें. सिक्योर (जैसे होम लोन, ऑटो लोन) और अनसिक्योर लोन्स (जैसे पसर्नल लोन, क्रेडिट कार्डस) का मेल रखना जरुरी है. बहुत अधिक अनसिक्योर लोन्स होना बैंको द्वारा नकारात्मक रूप से देखा जाता है.
4.  नए लोन का आवेदन नार्मल तरीके से करें. आप लोन को बहुत जादा आवश्यकता है ऐसा ना दिखाएं, नये लोन के लिए सावधानी से आवेदन करें. बहुत जादा आवश्यकता को भी बैंको द्वारा नकारात्मक रूप से देखा जाता है.
5.  अपने सिग्नेचर, और जाईंट अकाउंट्स की निगरानी मासिक रूप से करें. जाईंट सिग्नेटरी, गारंटर या जाईंट अकाउंट्स में हुए गलत पेमेंट के लिए आपको बराबर का रेस्पोंसीबल माना जाता है. ईसी लिए पूरे वर्ष अपने लोन हिस्ट्रीको बार-बार चेक करते रहें. अकाउंट्स में हुए गलत पेमेंटको भी बैंको द्वारा नकारात्मक रूप से देखा जाता है.

6.  पूरे वर्ष अपने क्रेडिट हिस्ट्री की बार-बार समीक्षा करते रहें.





क्या है आय़डीयल क्रेडिट स्कोर :
दोस्तों,FICO (Financial Accounting and CO (Controlling) के स्टेंडर्डस के मुताबीक 760 अंक से जादा यानी कमसे कम 760 होना आय़डीयल माना जाता है (760 and above on a scale of 300 to 850 is generally considered good.) जिससे आपको बेहतर क्रेडिट लिमीट मिल सकता हे

दोस्तों, आजकलकी भागदौड भरी जिंदगीमे अगर हम थोडासा खयाल अपनी क्रेडीट स्कोर की तरफ दें तो हमारी तमाम लायबलीटीज को हम अच्छी तरह से मेनेज कर पाएंगे और हमारी लायबलीटीज हमारा सर दर्द नहीं बल्की हमदर्द बन जाएंगी लोन लेना भलेही आसान हो ऊसे ढंगसे मेनेज करना जादा जरुरी होता है.
धन्यवाद!.
टिपण्णी: ऊपरोक्त जानकारी ऊपलब्ध स्त्रोतोंसे संकलन करके प्रस्तुत की हे.